जलती धरती/नीरज अग्रवाल
जलती धरती/नीरज अग्रवाल सच तो यही जिंदगी कुदरत हैं।जलती धरती आकाश गगन हैं।हम सभी की सोच समझ हैं।हां जलती धरती सूरज संग हैं।खेल हमारे मन भावों में रहते हैं।जलती धरतीं मानव जीवन हैं।हमारे मन भावों में प्रकृति बसी हैं।सच और सोच हमारी अपनी हैं।हम सभी जलती धरती के संग हैं।आज कल बरसों से हम जीते … Read more