संगीत जरुरी है
जीवन एक मधुर संगीत है ।
इसे सुर लय में गाना सीखो ।
सात सुरो की स्वर मालिका को,
शुद्ध कंठों से लगाना सीखो ।।
परमेश्वर का वरदान है , संगीत ।
सुर -लय छंद का गान है, संगीत ।
संगीत नहीं तो , जीवन नीरस है ।
गुणी जन की पहचान है, संगीत ।।
सप्त सुरों की स्वर मालिका पर ।
प्रकृति प्रफुल्लित आराधिका पर ।
अंतरमन की गांठों को खोलें ,
माँ अपनी स्वर नायिका पर ।।
राग ठाठ की, अनुपम श्रेणी ।
कंठ ताल, छंदों की त्रिवेणी ।
जो साधक का ब्रह्म जगा दे ,
तुरीयानंद की सुंदर निसेनी ।।
संगीत भरा इस प्रकृति पर ।
माँ भारती की संस्कृति पर ।
आनंदवर्षिणी अनुभूति करती ,
स्वर – समूह की आवृति पर।।
स्वरहीन जीवन क्या जीवन है ?
संगीत जहाँ वहीं वृदावन है ।
वेणु गूँजे, श्रुति भेद बताये ,
वीणापाणी का प्रेमांगन है । ।
~ रामनाथ साहू ननकी
मुरलीडीह