तू कदम बढाकर देख
•तू कदम बढाकर देख• मंजिल बुला रही है तू कदम बढाकर देख खुशियाँ गुनगुना रही है तू गीत गाकर देख काँटे ही नहीं पथ में,फूल भी तुम्हें मिलेंगेपतझड़ का गम ना करना, गुलशन भी तो खिलेंगे बहारें बुला रहीं है, कोंपल लगाकर देख पीसती है जब वसुंधरातभी दामन होता है हरातप-तप कर अग्नि में ही … Read more