पुलवामा की घटना

पुलवामा की घटना पुलवामा की घटना देख,                              देश बड़ा शर्मिंदा है।धिक्कार हमारे भुजबल पर ,                      अब तक कातिल जिन्दा है।वो बार -बार हमला करते ,                          हम शांति वार्ता करते है।दुश्मन इस गफलत में है,                        शायद हम उससे डरते है।गीदड की औकाद ही क्या ,                      जो हमको आँख दिखायेगा।पीठ पर घाव दिया है ,                          तो छाती … Read more

अब तो बस प्रतिकार चाहिए

अब तो बस प्रतिकार चाहिए आज लेखनी तड़प उठी हैभीषण नरसंहार देखकर।क्रोध प्रकट कर रही है अपनाज्वालामुखी अंगार उगलकर।दवात फोड़कर निकली स्याहीतलवारों पर धार दे रही।कलम सुभटिनी खड्ग खप्पर लेरण चण्डी सम हुँकार दे रही।जीभ प्यास से लटक रहीवैरी का शोणित पीने को।भाला बनकर आज भेद दूँआतंकी के सीने को।अबकी होली में आतंकीको होलिका बनाउंगी।फिर … Read more

शारदे आयी हो मेरे अंगना

शारदे आयी हो मेरे अंगना हे माँ शारदे, महाश्वेता आयी हो मेरे अंगना ।पूजूँगा तुम्हें हे शतरूपा, वीणापाणि माँ चंद्रवदना ।। बसंत ऋतु के पाँचवे दिवस पर हंस पे चढ़ कर आती हो।हे मालिनी इसलिए तुम हंसवाहिनी कहलाती हो।।माता तुम हो पुस्तक-धारिणी पुस्तक चढ़े तेरे चरणों में।ज्ञान का वर दो हे महामाया आया हूँ तेरी … Read more

पिया जी देखो वसंत आ गया

पिया जी देखो वसंत आ गया पेड़ो के झुरमुट से आतीकोयल की मीठी बोलीफूलों की हर कली पर देखोमतवाले भवरों की टोलीआम वृक्ष मंजरी व टिकोरो से लदबद गया ।पिया जी देखो वसंत आ गया ।। बेल वृक्ष पर आये नए फूलपौधो की अनुपम हरियालीनव पल्लव का पालना डालेप्रकृति नभी लाई खुशहालीटेसू के दहकते फूल … Read more

एक कविता हूँ

एक कविता हूँ! उंगलियों में कलम थामेसोचता हूँ…कि कहींहै वह ध्वनिजो उसे ध्वनित करे…!मैं अंतरिक्ष में तैरता..कल्पनाओं मेंछांटता हूँशब्दमीठे -मीठेकोई शब्द मिलता नहीं मुझेजो इंगित करे उसेबस….उंगलियों से ही उसे –उकेरता हूँ …मिटाता हूँ ।उंगलियों में कलम थामे…मैं सोचता हूँ ।।उसकी खूबसूरतीवो भोलापनतो मुझपे क़यामत ढाईन कोई उपमा सूझीन अतिशयोक्ति ही काम आईजब भी लिखना … Read more