ये आम अनपढ़ बावला है

ये आम अनपढ़ बावला है कविता संग्रह दुर्व्यवस्था देख,क्या लाचार सा रोना भला है।क्या नहीं अब शेष हँसने की रही कोई कला है।शोक है उस ज्ञान पर करता विमुख पुरुषार्थ…
जलती धरती/डॉ0 रामबली मिश्र

प्रकृति का इंसाफ पर कविता

प्रकृति का इंसाफ पर कविता कायनात में शक्ति परीक्षा,दिव्य अस्त्र-शस्त्र परमाणु बम से |सारी शक्तियां संज्ञा-शून्य हुई ,प्रकृति प्रदत विषाणु के भ्रम से |अटल, अविचल, जीवनदायिनी ,वसुधा का सीना चीर…
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बेटी पर कविता

बेटी पर कविता एक मासूम सी कली थीनाजों से जो पली थीआँखों में ख़्वाब थे औरमन में हसरतें थींतितली की मानिन्द हर सुउड़ती वो फिर रही थीसपने बड़े थे उस…

कवियों की आपबीती पर कविता

कवियों की आपबीती पर कविता शीश महल की बात पुरानी,रजवाड़ी किस्से जाने।हम भी शहंशाह है, भैया,शीश पटल के दीवाने।आभासी रिश्तों के कायल,कविताई के मस्ताने।कर्म विमुख साधो सा जीवन,अरु व्याकरणी पैमाने।कुछ…

मां शारदे नमन लिखा दे

मां शारदे नमन लिखा दे नमन् लिखा दे. १६,१४वीणा पाणी, ज्ञान प्रदायिनी,ब्रह्म तनया माँ शारदे।सतपथ जन प्रिय सत्साहित,हितकलम मेरी माँ तार दे।मात शारदे नमन् लिखादे,धरती, फिर नभ मानों को।जीवनदाता प्राण…

सखी के लिए कविता -डॉ0 दिलीप गुप्ता

सखी के लिए कविता - डॉ0 दिलीप गुप्ता रिमझिम बरसे.मन है हरसेप्रणय को ब्याकुल हिरदय होवे,सात समंदर पार है सजनीबिरह में बदरा-मेघा रोवे.....तप्त हृदय की अगन बुझाने-----आओ न सखी.. आओ…