हम उजाला जगमगाना चाहते हैं -केदारनाथ अग्रवाल

हम उजाला जगमगाना चाहते हैं -केदारनाथ अग्रवाल

struggle
प्रातःकालीन दृश्य


हम उजाला जगमगाना चाहते हैं
अब अँधेरे को हटाना चाहते हैं।


हम मरे दिल को जिलाना चाहते हैं,
हम गिरे सिर को उठाना चाहते हैं।


बेसुरा स्वर हम मिटाना चाहते हैं।
ताल-तुक पर गान गाना चाहते हैं।

हम सबों को सम बनाना चाहते हैं।
अब बराबर पर बिठाना चाहते हैं।


हम उन्हें धरती दिलाना चाहते हैं,
जो वहाँ सोना उगाना चाहते हैं।

केदारनाथ अग्रवाल

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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