खुद की तलाश पर कविता-मनोज बाथरे
खुद की तलाश पर कविता
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जिंदगी में भी
कैसे कैसे
मोड़ आते हैं
जिनमें कुछ लोग
तो अपनी
अलग पहचान
बना लेते हैं
और कुछ लोग
गुमनामी के अंधेरों में
को जाते हैं
और फिर
खुद की तलाश
करतें हैं।।
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जिंदगी में भी
कैसे कैसे
मोड़ आते हैं
जिनमें कुछ लोग
तो अपनी
अलग पहचान
बना लेते हैं
और कुछ लोग
गुमनामी के अंधेरों में
को जाते हैं
और फिर
खुद की तलाश
करतें हैं।।
"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।