मंजूर नहीं पर कविता

मंजूर नहीं पर कविता संघर्षों में ही काटूंगा मैं अपना सारा जीवन क्योंकि मुझे किसी तरह से भी किसी रूप में भी किसी कारण वश भी कदम दर कदम पर समझौता करना मुझे मंजूर नहीं।।

हकीकतों पर कविता

हकीकतों पर कविता परिवर्तन के इसदौर मेंमैं एक ऐसे मोड़पर खड़ा हूंजहां से मुझे एकनिर्णायक निर्णयलेना हैपरंतुकुछ निर्णयलेने के पूर्वउन हकीकतों सेभी मुंह मोड़नामुझे मंजूर नहीं।।।

आकृति की तलाश पर कविता

आकृति की तलाश पर कविता मुझे कहते हैंजमाने वालेएक निराकारप्राणीपर/मैं क्या करूंमुझे तोमेरीआकृति की तलाश है

शबनम पर कविता

शबनम पर कविता शबनम की चमकहमारे तुम्हारेमधुर रिश्तों की गंधलिए होती हैमानो तोये सच हैगर न मानों तोये ही शबनमपानी का कतरामात्र होती है।।।

संघर्ष पर कविता -संघर्ष का प्रतिफल

संघर्ष पर कविता -संघर्ष का प्रतिफल मुझे मेरीसंघर्ष गाथा सेबेहद लगाव हैप्यार हैवोइसलिए किमैं वर्तमान मेंजो कुछ भी हूंवोमेरे संघर्ष काही प्रतिफल हैसंघर्ष के कारण हीमुझे समाज मेंशान से जीने काहक प्राप्त हुआ।। मनोज बाथरे