यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर मनोज बाथरे के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

मंजूर नहीं पर कविता

मंजूर नहीं पर कविता संघर्षों में ही काटूंगा मैं अपना सारा जीवन क्योंकि मुझे किसी तरह से भी किसी रूप में भी किसी कारण वश भी कदम दर कदम पर…

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हकीकतों पर कविता

हकीकतों पर कविता परिवर्तन के इसदौर मेंमैं एक ऐसे मोड़पर खड़ा हूंजहां से मुझे एकनिर्णायक निर्णयलेना हैपरंतुकुछ निर्णयलेने के पूर्वउन हकीकतों सेभी मुंह मोड़नामुझे मंजूर नहीं।।।

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आकृति की तलाश पर कविता

आकृति की तलाश पर कविता मुझे कहते हैंजमाने वालेएक निराकारप्राणीपर/मैं क्या करूंमुझे तोमेरीआकृति की तलाश है

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शबनम पर कविता

शबनम पर कविता शबनम की चमकहमारे तुम्हारेमधुर रिश्तों की गंधलिए होती हैमानो तोये सच हैगर न मानों तोये ही शबनमपानी का कतरामात्र होती है।।।

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संघर्ष पर कविता -संघर्ष का प्रतिफल

संघर्ष पर कविता -संघर्ष का प्रतिफल मुझे मेरीसंघर्ष गाथा सेबेहद लगाव हैप्यार हैवोइसलिए किमैं वर्तमान मेंजो कुछ भी हूंवोमेरे संघर्ष काही प्रतिफल हैसंघर्ष के कारण हीमुझे समाज मेंशान से जीने…

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उम्मीद के दिये पर कविता-मनोज बाथरे

उम्मीद के दिये पर कविता अपनेपन मेंखोये हुएहम खोजते हैंउम्मीद के दियेजो हमेंआशारूपीउजालेके साथ हमेंएक नई रोशनीदे सकेंअपने सुखदजीवन के लिए

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संबंध पर कविता-मनोज बाथरे

संबंध पर कविता संबंध सिर्फहमें अपनों सेजोड़ने वालीकड़ी कानाम नहीं हैये तोवो संबंध हैजो सदैवहमारे बीचएक सेतु सा कार्यकरता हैअनेक संबंधों के लिए।।

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उपदेश पर कविता-मनोज बाथरे

उपदेश पर कविता सोच रहें हैं किहम कुछ उपदेशदे सबकोपर कैसेक्या हमारा उपदेशकोई शिरोधार्य करेगाक्योंकि पर उपदेशदेने से पहलेहमें स्वयं उनकोअपनाना होगातब कहीं जाकरउपदेश कीसार्थकता सफल होगी।।

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धीरे धीरे पर कविता-मनोज बाथरे

धीरे धीरे पर कविता बिखरती हुई जिंदगीवीरान सी राहेंसमय गुजर रहा हैधीरे धीरेहम अपने अस्तित्व कीतलाश मेंनिकल पड़े उनराहों परमन विचलित हैउदास हैफिर भी कर रहे हैंमंजिलें तलाश हमधीरे धीरे

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मजबूरी पर कविता-मनोज बाथरे

मजबूरी पर कविता मजबूरी इंसान कोक्या से क्याबना देती हैकही ऊपर उठाती हैतो कहीझुका देती हैइन्ही के चलतेइंसान अपनीमजबूरी के चलतेएकदम हताश होजाता हैपर इससे निकलनेके लिएप्रयास बेहद जरूरी हैमनोज…

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