उपदेश पर कविता-मनोज बाथरे

उपदेश पर कविता

सोच रहें हैं कि
हम कुछ उपदेश
दे सबको
पर कैसे
क्या हमारा उपदेश
कोई शिरोधार्य करेगा
क्योंकि पर उपदेश
देने से पहले
हमें स्वयं उनको
अपनाना होगा
तब कहीं जाकर
उपदेश की
सार्थकता सफल होगी।।

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