घर का संस्कार है बेटी
घर का संस्कार है बेटी घर आँगन की शान,अभिमान है होती।माँ बाप की जान पहचान होती है बेटी।अक्सर शादी के बाद पराए हो जाते हैं बेटे।दो कुलों की मान-सम्मान होती है बेटी।1।माँ के रूप में ममता की मूरत है बेटी।पत्नी के रूप में फर्ज की सूरत है बेटी।पीहर व ससुराल के बीच सामंजस्य बिठाये।दया,त्याग,प्रेम की … Read more