केवरा यदु मीरा की कविता

केवरा यदु मीरा की कविता कृष्ण के भजनओ मेरे मन मीत कृष्ण के भजन सुन कान्हा मेरी यादतुमको आती तो होगी।ओ पूनम की रात तुम्हेंरुलाती तो होगी ।सुन कान्हा—–तान छेड़ बंशी कीतुम मुझे बुलाये थे।बाहों में बाँहे डालेतुम रास रचाये थे।वो पायल की रुन झुनतुम्हें बुलाती तो होगी ।सुन...
प्रियतम पर कविता

प्रियतम पर कविता

प्रियतम कितने प्यारे हो प्रियतम कितने प्यारे हो,मेरी आँखों से पूछो।पढ़ लो इन अँखियों में बस एक नजर देखो।बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में,आरजू है मेरी ,रखें निज हाथ,हाथ में। है नेह तुमसे कितना , कैसे तुम्हें बताऊँ ।धड़कन में तुम बसे, दिल चीर कर...
चाँद पर कविता

चाँद पर कविता

चाँद, पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जो रात के आकाश में एक चमकदार और मोहक वस्तु के रूप में चमकता है। इसकी सतह पर बहुत सारे गड्ढे, पर्वत और समतल क्षेत्र हैं, जो इसे एक अद्वितीय और सुंदर दृश्य प्रदान करते हैं। चाँद की उपस्थिति पर विभिन्न संस्कृतियों में गहरी...

सरसी छंद में कैसे लिखें

सरसी छंद को समझने से पहले आइए हम छंद विधान को समझते हैं । अक्षरों की संख्या और क्रम , मात्रा, गणना और यति गति से संबंद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना को छंद की संज्ञा दी गई है। मात्रिक छंद की परिभाषा छंद के भेद में ऐसा छंद जो मात्रा की गणना पर आधारित रहता है,...

कलम पर कवितायें

कलम पर कवितायेंहाय! कलम क्यों थककर बैठी? कलम की ताकत हाय! कलम क्यों थककर बैठी? ध्येय अधूरा है फिर भी तुम, कैसे करती हो विश्राम?हाय! कलम क्यों थककर बैठी? भूल गई क्या अपना काम?नहीं मरी भूखमरी भू की, विपन्नता भी हुई न दूर।शिक्षा से वंचित हैं बच्चे, धन अर्जन को हैं...