बाल कविता – भ्रमण
सुबह भ्रमण को हम जाएं ।
ठंडी – ठंडी हवा में नहाएं ।।
वो देखो-देखो कौन आए ।
बन्दरों की फौज शोर मचाए।।
नाच रहे ठुमक-ठुमक कर मोर ।
भ्रमण-पथ पर ये दृश्य मन भाए।।
नन्हीं चिड़ियों के मधुर तराने ।
मैना-तीतर मिल सुर मिलाए ।।
पेड़ पौधे मिलकर गाना गाये।
ठंडी हवाएं मन को बहुत भाये।।
रचनाकार
*श्रीमती सरिता नायक “सरि”
शा. पूर्व माध्यमिक शाला -डुगडुगीया
विकास खंड -कुनकुरी
जिला -जशपुर