मशाल की मंजिल – मनीभाई नवरत्न

मशाल की मंजिल - मनीभाई नवरत्न मशाल की मंजिल :-रचनाकार:- मनीभाई नवरत्नरचनाकाल :- 16 नवम्बर 2020 https://youtu.be/gpIWtm04CPE ज्ञानसतत विकासशीललगनशील,है जिद्दी वैज्ञानिक Iवह पीढ़ी दर पीढ़ीबढ़ा रहा अपना आकार Iवह कल्पना…

लघुकथा कैसे लिखें?

लघुकथा कैसे लिखें? लघुकथा छोटी कहानी का अति संक्षिप्त रूप है । लघुकथा का लक्ष्य जीवन के किसी मार्मिक सत्य का प्रकाशन होता है जो बहुधा इस ढंग से अभिव्यक्त…

तुम्हारा साथ काफी है -राजेश्वरी जोशी

तुम्हारा साथ काफी है कविता संग्रह जिंदगी में तुम्हारा साथ काफी है, हाथों में मेरे तेरा हाथ काफी है। दूर हो या हो पास कोई बात नही है, तुम साथ…

फिर किसी मोड़ पर वो मिल जाएँ कहीं – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस ग़ज़ल में किसी से मिलने की आरज़ू को बयाँ किया गया है | फिर किसी मोड़ पर वो मिल जाएँ कहीं - ग़ज़ल - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

धर्मपत्नी पर कविता

धर्मपत्नी पर कविता ( विधाता छंद, २८ मात्रिक )हमारे देश में साथी,सदा रिश्ते मचलते है।सहे रिश्ते कभी जाते,कभी रिश्ते छलकते हैं।बहुत मजबूत ये रिश्ते,मगर मजबूर भी देखे।कभी मिल जान देते…

सुख-दुख की बातें बेमानी

सुख-दुख की बातें बेमानी कविता संग्रह ( १६ मात्रिक )मैने तो हर पीड़ा झेली,सुख-दुख की बातें बेमानी।दुख ही मेरा सच्चा साथी,श्वाँस श्वाँस मे रहे संगाती।मै तो केवल दुख ही जानूं,प्रीत…
village based Poem

अब तो मेरे गाँव में

अब तो मेरे गाँव में गाँव पर हिंदी कविता . ( १६,१३ )अमन चैन खुशहाली बढ़ती ,अब तो मेरे गाँव में,हाय हलो गुडनाइट बोले,मोबाइल अब गाँव में।टेढ़ी ,बाँकी टूटी सड़केंधचके…

उड़ जाए यह मन

उड़ जाए यह मन (१६ मात्रिक)यह,मन पागल, पंछी जैसे,मुक्त गगन में उड़ता ऐसे।पल मे देश विदेशों विचरण,कभी रुष्ट,पल मे अभिनंदन,मुक्त गगन उड़ जाए यह मन।पल में अवध,परिक्रम करता,सरयू जल मन…

समय सतत चलता है साथी

समय सतत चलता है साथी गीत(१६,१६)कठिन काल करनी कविताई!कविता संगत प्रीत मिताई!!समय सतत चलता है साथी,समय कहे मन त्याग ढ़िठाई।वक्त सगा नहीं रहा किसी का,वन वन भटके थे रघुराई।फुरसत के…

आओ सच्चेे मीत बनाएँ

आओ सच्चेे मीत बनाएँ (१६,१६)आओ सच्चेे मीत बनाएँ,एक एक हम वृक्ष लगाएँ।बचपन में ये सुन्दर होते ,नेह स्नेह के भाव सँजोते।पालो पोषो गौरव होता।मधुर भाव हरियाली बोता।आज एक पौधा ले…