दीदी की डायरी पर कविता/ जानसी पटेल

दीदी की डायरी पर कविता/ जानसी पटेल

दीदी की डायरी पर कविता/ जानसी पटेल दीदी की डायरी में, अनगिनत कहानियाँ,सपनों की बातें और बचपन की नादानियाँ। रंग-बिरंगे पन्ने, सजी यादों से प्यारे,सुख-दुःख के पल, हर पन्ने में गुज़ारे। पहला प्यार, पहली दोस्ती की कहानी,स्कूल के दिन, और परीक्षा की निशानी। माँ की डाँट, पापा का प्यार भरा पत्र,हर पन्ना बोले, जैसे हो … Read more

मनीभाई के दोहे ( Manibhai ke Dohe)

doha sangrah

मनीभाई के दोहे (1) जंगल मंदिर बन गये , शहर हुए अब खेत।मानव के करतूत से , हो गये पशु निश्चेत।। (2) मानव तेरी भूख ही , मांस नोच के खाय।है तू हिंसक पशु बड़ा, देखत सब थर्राय। (3) मानव रक्षक है प्रकृति ,मानव बन शैतान ।छोटे से सुख के लिए,काटत मुर्गा श्वान।। (4) प्रीत … Read more

मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले हीरा पायो गाँठ गठियायो बार-बार बा को क्यूँ खोले हल्की थी तब चढ़ी तराजू पूरी भई तब क्यूँ तओले सूरत-कलारी भई मतवारी मदवा पी गई बिन तोले हंंसा पाए मानसरोवर ताल तलैया क्यूँ डोले तेरा साहब है घर माँ हीं बाहर … Read more

मैं जीने लगी

Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

मैं जीने लगी वक्त का सरकनाऔर उनके पीछेमेरा दौड़ना  ये खेल निरन्तर   चल रहा हैकहाँ थे औरकहाँ आ गये।   कलेन्डर बदलता रहा   पर मैं यथावतजीने की कोशिशभागंमभाग जिन्दगी    कितना समेटूमैं जीवन रुपी जिल्दसंवारती रही, औरपन्ने बिखरते गये।   एक कहावत सुनीऔर जीवन सुखी हो गयाआप सब भी सुनिएजब दर्द और कड़वी गोलीसहन होने लगे  समझो जीना … Read more

आंसू पर कविता

आंसू पर कविता

आंसू पर कविता दर्द जब पिघलता है तो बह आते हैं आँसूसुख में हों या हो दुख में रह जाते हैं आँसू विकट वेदना पीर बहेआघातों के तीर सहेकंपित अधरें मौन रहेगूंगी वाणी व्यथा कहे सूनी सूनी  पलकों पर हिमकण जम जाते हैं आँसू वेदना जब गीत गाती कोख पीड़ा की भर जाती विदीर्ण होते … Read more