राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस-उपमेंद्र सक्सेना एड०

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस जीवन में आखिर कब तक हम, बोलो स्वस्थ यहाँ रह पाएँबीमारी से पीड़ित हों तो, काम डॉक्टर साहब आएँ। मानव तन इतना कोमल है, देता है सबको लाचारी तरह -तरह के रोगों से अब, घिरे हुए कितने नर- नारी बेचैनी जब बढ़ जाती है, रात कटे तब जगकर सारीबोझ लगे जीवन जब … Read more

स्कूल पर कविता

विषय – स्कूल पर कविता स्कूल का दहलीज पुकारता है बीत गए गर्मी की छुट्टी,अब तो तुम आजाओ, क्या-क्या किए हैं,इस छुट्टी में हमे भी बताओ। श्याम-पट्ट,स्कूल की वो घंटी तुम्हें निहारता है, प्यारे बच्चों तुम्हें,स्कूल का दहलीज पुकारता है। गर्मी-छुट्टी में घुम लिए हैं,बच्चे अपने ननिहाल, गांव-शहर में सैर करके,देखें हैं सुखे,नदी-ताल। अब तो … Read more

बेरोजगार पर दोहे – विनोद सिल्ला

बेरोजगार पर दोहे पढ़-पढ़ पोथी हो गए, सभी परीक्षा पास। रोजगार मिलता नहीं, टूटी जीवन आस।। उपाधियां तो मिल गई, नहीं मिला है काम।मिल तो जाती नौकरी, दे पाते गर दाम।। बेकारी सबसे बुरी, हर लेती है मान।सारा जीवन व्यर्थ सा, रहे कष्ट में जान।। रोजगार देंगे तुझे, वादे करते रोज।मतपेटी लेते भरा, करते हैं … Read more

आदमी और कविता – हरदीप सबरवाल

आदमी और कविता – हरदीप सबरवाल द्वारा रचित आज के कविताओं के विषय पर यथार्थ और करारा व्यंग्य किया गया है।

भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो- रामकिशोर मेहता

भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो।जनता न सोचेसत्ता के बारे में,उसके गलियारे में,नित नयेसवाल कुछ उछाल दो। खड़ा कर दोनित नया उत्पात कोई।भूख और प्यास कीकर सके न बात कोई।शान्ति से क्यों सांस ले रहाकोई शहर।घोल दो हवाओं मेंनित नया जहर। अट्टालिकाओं की तरफउठे अगरकोई नजरदूर सीमाओं पर उठा … Read more