गुलाब पुष्प पर कविता – हिमांशु शेखर
प्रस्तुत कविता “गुलाब नहीं है पुष्प आज” 22 सितंबर राष्ट्रीय गुलाब दिवस पर लिखी गई है।
प्रस्तुत कविता “गुलाब नहीं है पुष्प आज” 22 सितंबर राष्ट्रीय गुलाब दिवस पर लिखी गई है।
प्रस्तुत कविता महात्मा गांधी :स्वतंत्रता और स्वच्छता के जन नायक को आधार में रखकर लिखी गई है
करोना काल में लोग किस तरह से परेशान हुए जनता की वेदना को महसूस किया गया और उसको कविता के रूप में लिखा गया है यह मौलिक अप्रक्षित रचना मेरे द्वारा लिखी गयी है |
एक मजबूत या कठोर व्यक्ति की व्यथा
जब कोई किसी से प्यार करता है तो उसकी व्यथा उसको ही पता रहती है