शुभ संध्या नभ तले (संध्या-वन्दन)

प्रस्तुत संध्या-वन्दन राजेश पाण्डेय वत्स छत्तीसगढ़ द्वारा रचित है. शुभ संध्या नभ तले (संध्या-वन्दन) दिन रात संधिकाल, शुभ लग्न संध्या हाल,तारागण झाँक पड़े,पल सुखदाई में! नीड़ दिशा उड़ी दल,विहगों की कोलाहल,तिमिर को न्यौता मिला,सुर शहनाई में! लाडली सुन्दरी शाम, पल भर मेहमान,विमल आकाश खेली,मृदु शीतलाई में! शुभ संध्या नभ तले,पग घर ओर चलेवत्स वही फिर … Read more

नवदेवियों पर हिंदी कविता -डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

यह नवदेवियों पर आधारित हिंदी कविता है जो कि डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी द्वारा रचित है.

कन्या पूजन या भ्रूणहत्या -राकेश सक्सेना

प्रस्तुत कविता का शीर्षक – “कन्या – पूजन या भ्रूण हत्या” समाज के उन लोगों से सवाल है जो एक तरफ तो देवी स्वरूपा कन्या का पूजन करते हैं वहीं अपने परिवार में बेटी होने का दुःख मनाते हैं। इसी विषय वस्तु को आधार मानकर रची गई है।

सुहाना मौसम पर कविता -रबीना विश्वकर्मा

मौसम कभी कभी सुहावना होता है ।।