देश की आभा
देश भक्ति से प्रेरित
देश भक्ति से प्रेरित
नन्ही सी चिड़िया कितनी मेहनत से घोसला बनती है बिना किसी स्वार्थ के एक दिन सभी बच्चे छोड़ जाते है और उड़ जाते है खुले आसमान में . हमें कुछ सिख मिलती है इस से ..
"अदम्य चाह", शीर्षक की कविता, एक मध्यमवर्ग की भारतीय स्त्री की दिली हसरत है। बेटी जन्म से बंधनों में रहती है, परिवार, समाज के सैकड़ों पहरे और प्रश्न झेलती है, शादी के बाद तो पहरे और भी बढ़ जाते हैं। मेरा स्वयं का मन एक स्वच्छंद जीवन के लिए तरसता है, मुझे लगता है कि मैने स्त्री मात्र की हार्दिक इच्छा को शब्द दिये हैं.
प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक प्रकृति है जो कि प्रकृति विषय वस्तु को आधार मानकर रची गई है। यह स्वरचित कविता है। दो कविताएं हैं। पहली में प्रकृति का महत्व बताया गया है और दूसरी में खुद प्रकृति बनकर प्रकृति से पूरी होने वाली जरूरत का अहसास दिलाने की कोशिश की गई है।
प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी का जीवन दर्शन