नन्हे प्रधानमंत्री

नन्हे प्रधानमंत्री

kavita

भूमण्डल पर चमका ऐसा लाल,
जिसने देश को किया निहाल,
ननिहाल में पला-बढा यह लाल,
‘नन्हे’ बन गए बड़े विशाल।
कद में छोटे, उच्च विचार,
शाला जाता नदिया पार।
नन्हे ने किया ऐसा कमाल,
असहयोग आन्दोलन की ले ली मशाल।
गांधीजी का मिला मार्गदर्शन,
ढूँढ लिया जीवन का दर्शन।
‘शास्त्री’ की उपाधि से स्वयं विभूषित,
गृह मंत्री,रेल मंत्री व प्रधानमंत्री के पद को किया विभूषित।
लाल किले की प्राचीर से दिया ऐसा नारा,
‘जय जवान,जय किसान’ से गूंजा भू और अंबर सारा।
अठारह साल का कार्यकाल सीमित,
फिर भी कार्य कर गए असीमित।
जिस दिन विदा हुआ यह लाल,
भारत का कोना कोना हुआ निढाल।
ऐसा है यह चरित्र दैदीप्यमान,
विश्व में अमिट है इनकी शान।

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माला पहल, मुंबई

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