CLICK & SUPPORT

प्रकृति बड़ी महान/यदि मैं प्रकृति होती

प्रकृति बड़ी महान

Global-Warming-
Global-Warming-

प्रकृति देती जाती है।
हमें बहुत कुछ सीखाती है।
अपने स्वार्थ के लिए मत करना,
प्रकृति का अपमान।
प्रकृति बड़ी महान।

एक पल सोचो जरा , जो वृक्ष न रहेंगे।
जीवन देते ये हमको, फिर हम क्या करेंगे।
वृक्ष लगाकर पृथ्वी को हरा भरा बनाओ,
ये हरियाली ही तो है प्रकृति की शान।
प्रकृति बड़ी महान।

सूरज चांद सितारे ये इसके अनमोल खजाने हैं।
पर्वत तुमको साहस देता नदियां सुनाती तराने हैं।
प्रकृति का सौन्दर्य अनोखा, मन को भाए,
देखो जरा न हो इसको कोई नुक़सान
प्रकृति बड़ी महान।

प्रकृति में ही ईश्वर है, जिसने हमें तराशा है।
प्रकृति ने हमें सिखाया, जीने का सलीका है।
प्रकृति मां हमारी, इसने हमको पाला है,
हम सब हैं, इस प्रकृति की संतान।
प्रकृति बड़ी महान।

यदि मैं प्रकृति होती

बनके हवा गगन में लहराती,
कभी ओढ़ के हरियाली ,
बागों बागों फिरती जाती।
यदि मैं प्रकृति होती।

सूरज चांद सितारे मेरे अनमोल खजाने होते।
झरनों की झन झन में मेरे ही तराने होते।
बन कर सरिता सबकी प्यास बुझाती जाती।

जैसे ये पर्वत, कभी न झुकती, डटी रहती।
बनके छाया वृक्षों की पथिक की राह निहारती।
उमड़ घुमड़ कर आती बारिश सी झमझमाती।

धरती पर धूल की तरह इठला कर उड़ती।
सबको सब कुछ देती कभी निराश न करती।
प्रकृति के हर कण में जीवन है ये सबको सिखाती।

तितली, भंवरों की तरह फूलों पर मंडराती।
कलियां बनकर गोरी के बालों में सज जाती।
मिट्टी की सौंधी खुशबू बनकर जग को महकाती।
आसमां पर काली घटा जैसे, चारों ओर छा जाती।

सुशी सक्सेना इंदौर

फ्लैट नंबर – 501- A
आल्ट्स रेजीडेंसी, प्लाट नंबर – 361,
सेक्टर – N, सिलिकॉन सिटी, इंदौर
मध्य प्रदेश
पिन नंबर – 452012

CLICK & SUPPORT

You might also like