तारों सितारों में तुझे ढूंढता हूँ

इस रचना में कवि उस प्रभु को जीवन की विभिन्न कठिन परिस्थितियों में ढूँढने का प्रयास कर रहा है | उस प्रभु को खोज रहा है |

तू मेरा मालिक

इस रचना में प्रभु की महिमा का वर्णन है | जिसके सहारे हमारे जीवन को दिशा मिलती है |

सावन में भक्ति

सावन की रिमझिम फुहार के बीच संख व डमरू की आवाज मन की जड़ता को हिला देती है। एक नवीन प्रेरणा
अन्तर्मन को ऊर्जान्वित करने लगती है।
प्रकृति प्रेम सबसे बड़ी ईश्वर सेवा है।

महाशिव भोले भंडारी पर गीत

श्रावण मास में आराध्य महाशिव विषधारी, भोले भंडारी की स्तुति तांटक छन्दगीत में….

कवियों की आपबीती पर कविता

कवियों की आपबीती पर कविता शीश महल की बात पुरानी,रजवाड़ी किस्से जाने।हम भी शहंशाह है, भैया,शीश पटल के दीवाने। आभासी रिश्तों के कायल,कविताई के मस्ताने।कर्म विमुख साधो सा जीवन,अरु व्याकरणी पैमाने। कुछ तो नभमंडल से तारे,कुछ मुझ जैसे घसि यारे।काम छोड़ कविताई करते,दुखी भये सब घर वारे। मैं भी शीश पटल सत संगी,तुम भी हो … Read more