मत करो प्रकृति से खिलवाड़-दीप्ता नीमा
मत करो प्रकृति से खिलवाड़ मत काटो तुम ये पहाड़,मत बनाओ धरती को बीहाड़।मत करो प्रकृति से खिलवाड़,मत करो नियति से बिगाड़।।1।। जब अपने पर ये आएगी,त्राहि-त्राहि मच जाएगी।कुछ सूझ समझ न आएगी,ऐसी विपदाएं आएंगी ।।2।। भूस्खलन और बाढ़ का कहर,भटकोगे तुम शहर-शहर।उठे रोम-रोम भय से सिहर,तुम जागोगे दिन-रात पहर।।3।। प्रकृति में बांटो तुम प्यार,और … Read more