खुद को है -मनीभाई ‘नवरत्न’

यहाँ पर मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित खुद को है आप पढ़ेंगे आशा आपको यह पसंद आएगी खुद पर कविता -मनीभाई ‘नवरत्न’ खुद को है जिन्दगी के हरेक  दंगल में …लड़ना खुद को है।   भिड़ना खुद को है।  टुटना खुद को…