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  • जीवन एक संगीत है-आभा सिंह

    जीवन एक संगीत है-आभा सिंह

    पिता

    जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए
    लाखों उलझनें हो मगर हँसकर सुलझाइए
    कमल कीचड़ में भी रहकर अपनी सुन्दरता ना खोता
    गुलाब काँटों में भी रहकर मुस्कुराना ना भूलता
    दामन से काँटे चुन-चुनकर जीवन को सफल बनाइए
    जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए !!



    अंगारों से भरी राहों से गुज़रकर उँचाइयों पर पहुंचिए
    अंधेरों में तीर रोशनी के चलाकर सूरज जैसा चमकिए
    नई कल्पनाएं करने का संकल्प लेकर स्वप्न उड़ान भरिए
    शून्य से शिखर तक चलकर खुद को तराशिए
    जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए !!



    झंझावतों में भी फँसकर बिना झुके अडिग रहिए
    पारदर्शिता हो जीवन में दुर्गण को दूर भगाइए
    जो नयनों में पलते हैं उन सपनों को पुरा कर जाइए
    सुन्दर सुवासित संस्कारों से पुष्प गुच्छ सजाइए
    जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए !!


    मौलिक एवं स्वरचित
    आभा सिंह
    लखनऊ उत्तर प्रदेश

  • मुखौटा पर कविता

    मुखौटा पर कविता

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    हां!
    मैं मुखौटा।
    मेरी ओट में
    मुंह जो होता।
    अंदर से रोकर
    बाहर हंसाता भी हूं।
    कभी कभी
    होली के हुड़दंग में,
    बच्चों को
    डराता भी हूं।
    मैं
    छुपा लेता हूं।
    मुखड़े की मक्कारियां।
    आंखों की होश्यारियां।
    और दिल की उद्गारियां।।
    दो मुंहे सांपों का
    एक चेहरा
    मेरा ही तो है।
    मैं ही
    सामने वाली
    नजरों के लिए
    धोखा हूं।
    और खुद
    सामने वाले की
    नज़रो से
    बचने का मौका हूं।
    हां..
    हां मैं ही मुखौटा हूं।।

    शिवराज चौहान
    नांधा, रेवाड़ी
    (हरियाणा)

  • संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें

    संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें

    kavita

    कभी सुनो धड़कन की आवाज।
    कभी सांसों में ,वो बजता साज
    जीवन संगीत की मधुर आवाज।

    कभी अधरों पर आई हंसी हो।
    कभी बोली मैं आई मिठास हो।
    सब जीवन संगीत का मधुर राग।

    कभी शिशु की मधुर किलकारियों में।
    कभी आंखों से बहते अश्कों धारों में।
    जीवन संगीत के सारे स्वर मिल जाते।
    सभी आपस में मिल मधुर राग बनाते।

    कभी क्रोध की प्रखर गर्जना में।
    कभी मन के अंदर छुपी वेदना में।
    जीवन संगीत के राग मिल जाते।

    कभी शोर मचाते, कभी शांत रह जाते।

    संगीत बिन जीवन की कल्पना ना कर पाते।
    संगीत के स्वर हमारे , भटके मन को बहलाते ।
    कभी चित्त को शांत कर हमें क्रोध से उबारते ।
    तो कभी ये स्वर, आनंद मन के साथ हो जाते।

    संगीत और जीवन आपस में ऐसे हैं जुड़े ।
    जैसे तरु की शाखा, जड़ के सहारे हैं खड़े ।।।

    By_ Pragnya Gupta.

  • खिले जो फूल बहारों के चमन हुआ रोशन – अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

    खिले जो फूल बहारों के चमन हुआ रोशन – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    खिले जो फूल बहारों के , चमन हुआ रोशन

    खिले जो चेहरे नजारों के , दिल हुआ रोशन

    पाकीजगी उनकी भा गयी हमको , खिला हुस्न का चमन

    एक निगाह रोशन कर गयी रातें मेरी , हर एक पल जन्नत सा हुआ रोशन

    तोहफा मुहब्बत का अता कर मुझको ऐ मेरे खुदा

    तेरी एक निगाह से , मेरी जिन्दगी हुई रोशन

    काबिल समझ कर मुझको , अपनी पनाह में ले मुझे मेरे खुदा

    तेरी रहमत जो हो जाए , जन्नत सा रोशन हो मेरा चमन

  • बुजुर्गों के सम्मान पर कविता

    बुजुर्गों के सम्मान पर कविता

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    बुजुर्ग, परिवार-आधार-स्तंभ, इनका करो सम्मान,
    करो सेवा सहृदय से, इनका मत करो अपमान।
    करो सत्कार बुजुर्गों पर ,रोको इन पर अत्याचार,
    बड़ा खुशनसीब है वो जिसे मिला, बुजुर्गों का प्यार।


    परोपकार का हमको देते ये ज्ञान,
    बुजुर्गों का हमेशा करो सम्मान।
    अब बुजुर्ग हो गया कमजोर और लाचार,
    बहुत खुशनसीब है वो जिसे मिला,बुजुर्गों का प्यार।


    बुजुर्गों का शान और ताकत की है ये कहानी,
    अथक-कठीन प्रयास से बनायी हमारी जिंदगानी।
    पत्थर को भी बनादे मिट्टी एसी थी उनकी जवानी,
    हर ख्वाहिश को कर दिया मुकम्मल चाहे लाभ हो या हानि।


    ऎसे महान लोगों की सेवा हमको अब नहीं गंवानी,
    नहीं रहा उनमें ताकत बन गए वो अब नाना- नानी।
    करो सेवा पुरे मन से लेलो आशीर्वाद रूपी उपहार,
    बहुत खुशनसीब है वो जिसे मिला, बुजुर्गों का प्यार।


    भूखे पेट रहकर भी हमको खाना खिलाया,
    फटे कपड़े पहनकर हमको नया लिबास दिलाया।
    ममतामई – रोली सुनाकर हमको प्यार से सुलाया,
    ऐसे महान लोगों का दिल तुने क्यों दुःखाया।
    बुजुर्गों को चाहिए प्यार – दुलार भरा व्यवहार,
    बहुत खुशनसीब है वो जिसे मिला, बुजुर्गों का प्यार।


    बुजुर्गों की कर सेवा निभाओ अपना धर्म,
    रखना अपने पास इनको मत भेजना वृद्धा-आश्रम।
    बुजुर्गों के लाठी का सहारा बनके देखो तो एकबार,
    बहुत खुशनसीब है वो जिसे मिला, बुजुर्गों का प्यार।



    अकिल खान रायगढ़ जिला – रायगढ़ (छ. ग.) पिन – 496440.