फिर से लौट आएगी खूबसूरत दुनियां

फिर से लौट आएगी खूबसूरत दुनियां पिछले कुछ दिनों सेमैंने नहीं देखा है रोशनी वाला सूरजताज़गी वाली हवाखुला आसमानखिले हुए फूलहँसते-खिलखिलाते लोग एक-एक दिनदेह में होने का ख़ैर मनाती आ रही हैदेह के किसी कोने मेंडरी-सहमी एक आत्मा किसी भी तरह जीवन बचाने की जद्दोजेहद मेंउत्थान और विकास जैसेजीवन के सारे जद्दोजहदभूलने लगे हैं लोग … Read more

8 जून विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर कविता

8 जून विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर कविता लगातार सिरदर्द रहे या, कभी अचानक चक्कर आएबढ़े चिड़चिड़ापन तो सम्भव, प्रकट ब्रेन ट्यूमर हो जाए। यह दिमाग के किसी भाग में, धीमे या तेजी से छाताहो सी.टी. स्कैन नहीं तो एम. आर. आई. भेद बताताकिसी विषय पर बात करें तो,हो विचार में आनाकानीसुनने में भी दिक्कत … Read more

गर निराशा आशा पर भारी पड़ने लगे – अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

इस रचना में दो मुक्तक शामिल किये गए हैं जो सत्य और असत्य के बीच के अंतर को समझाते हैं | मुक्तक – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

अपना जीवन पराया जीवन – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

इस रचना में कवि ने जीवन के विभिन्न आयामों की चर्चा की है |इस रचना का विषय है “अपना जीवन पराया जीवन” – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

निज जीवन अपनापन पा लूँ – अनिल कुमार गुप्ता ” अंजुम “

इस कविता में स्वयं के जीवन को दिशा देने का प्रयास किया गया है | इस कविता का विषय है “निज जीवन अपनापन पा लूँ”
निज जीवन अपनापन पा लूँ – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता ” अंजुम “