संगीत जीवन का अंग है

संगीत जीवन का अंग है

संगीत जीवन का अंग है



संगीत जीवन का अंग है,
जो रहता जीवन संग है।

संगीत उदासी की सहेली है,
जीवन की दुल्हन नई नवेली है।

यह साधना का स्वर है,
गुनगुनाता जग भँवर है।

संगीत जीवन जीने की युक्ति है,
शारीरिक मानसिक ब्याधियों से मुक्ति है।

गायन वादन नृत्य ये संगीत हैं,
संतुलित जीवन के ये मीत हैं।

जिसके जीवन में आता है,
ध्यानशक्ति उसकी बढ़ाता है।

तनाव दर्द सब दूर करे,
प्रतिरोधक क्षमता तन में भरे।

नकारात्मकता को ठग लेता है,
सकारात्मकता जग में देता है।

पर्व त्योहारों में रंगत बढ़ाये,
जन्म से चिता तक साथ जाये।

जो संगीत को प्रेमिका बनाता है,
वह प्रेमी जीवन भर सुख पाता है।



अशोक शर्मा, लक्ष्मीगंज, कुशीनगर,उ.प्र.

दिवस आधारित कविता