मातृपितृ पूजा दिवस भारत देश त्योहारों का देश है भारत में गणेश उत्सव, होली, दिवाली, दशहरा, जन्माष्टमी, नवदुर्गा त्योहार मनाये जाते हैं। कुछ वर्षों पूर्व मातृ पितृ पूजा दिवस प्रकाश में आया। आज यह 14 फरवरी को देश विदेश में मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ में रमन सरकार द्वारा प्रदेश भर में आधिकारिक रूप से मनाया जाता है
माता मेरी भाग्य विधाता
जिसकी दुनिया एक पहेली।
होती सच्ची मातु सहेली ।।
धरणी सी मॉं दुख है सहती।
शिशु की सकल पीर है हरती।।
प्रसव वेदना सहकर माता।
शिशु की बनती जीवनदाता।।
देती हमको नूतन काया।
नेह भरी नव शीतल छाया।।
मॉं की आँचल सुख की छाया।
जिसको ढककर दूध पिलाया।।
गीले बिस्तर पर मॉं सो कर।
नींद चैन को अपना खोकर।।
पाल पोषकर योग्य बनाती ।
पढ़ा लिखाकर भाग्य जगाती।।
माता की सब करना सेवा ।
पाने जीवन में शुचि मेवा।।
माता मेरी भाग्य विधाता ।
बनी प्रथम गुरु जग की माता।।
मॉं नित देती अविचल शिक्षा।
गहन ज्ञान की देती दीक्षा।।
सदा सिखाती सद्गुण सारे।
देकर सद्गुण दुर्गुण टारे।।
माता मेरी भाग्य सँवारे।
हम सब उनकी राज दुलारे।।
पद्मा साहू “पर्वणी”
खैरागढ़ जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़