विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। विश्व जल दिवस पर कविता बहार की एक कविता –
पानी का महत्व
पानी कहता-पानी कहता, मुझे बचाओ अब मुझे बचाओ,
बहता पानी यह भी कहता, बेकार ना मुझे बहाओ।
पानी को यूँ व्यर्थ बहाना, नहीं है अच्छी बात,
बूँद बूँद से गागर भरती , ये कैसे समझाऊँ आज।
अपने गिरते स्तर को देखकर, कहता अब ये सलिल,
पानी को बचाइये , इसका स्तर बढाइये , सब साथ हिलमिल।
कुछ कीमत में भी मिल जाता हूँ, सोचो कुछ तो अब,
आगे क्या हो जायेगी कीमत, ये सोचोगे कब।
पॉलीथिन का उपयोग न करें, न इसे जलाइये ।
वातावरण प्रदूषण मुक्त रखें, पानी पीने योग्य बनाइये ।
हरियाली भी नहीं बची तो पानी कहाँ से पाओगे,
हर व्यक्ति एक वृक्ष लगाए तो जीवन सुखी बनाओगे।
भारत में ही कुछ प्रतिशत बचा है पीने योग्य पानी,
समय रहते संभल जाओ, नहीं तो आगामी पीढ़ी को याद आएगी नानी।
आज मैने माँ से पूछा कि क्या आप बिस्तर लगाते वक्त अब भी याद करती हैं?तो माँ ने कहा मेरे बच्चे जल्दी घर आजा मुझे तेरी याद आती है।
आज मेरी आँखे नम थी, और गला कुछ रुंधा सा था,क्योंकि मैं आज रोयी थी।तब शाम को मैने मम्मी को फोन किया और पूछा कि आप कैसे हो?माँ का अगला सवाल मुझसे था, चल तु बता तु रोयी क्यों है?
मैंने माँ से पूछा? गद्य,वंशिका यादव