
राधा और श्याम की प्रेम कविता
राधा और श्याम की प्रेम कविता तू मेरी राधा मैं तेरा श्याम हूं।तुमसे प्रेम करके मैं बदनाम हूं। तुझे देखें बिन ,मेरी जीवन की बांसुरी में सूर कहां? तू है मेरे साथ तो सुंदर लगता है,यह सारा जहां। बस तेरी…
राधा और श्याम की प्रेम कविता तू मेरी राधा मैं तेरा श्याम हूं।तुमसे प्रेम करके मैं बदनाम हूं। तुझे देखें बिन ,मेरी जीवन की बांसुरी में सूर कहां? तू है मेरे साथ तो सुंदर लगता है,यह सारा जहां। बस तेरी…
हो मुरलिया रे / केवरा यदु “मीरा” हो मुरलिया रे तँय का का दान पुन करे हस।तँय का का दान पुन करे हस।तोर बिना राहय नहीं कान्हा ओकरे संग धरे हस।तँय का का दान पुन करे हस।। सुन रे मुरलिया…
कृष्ण पर आधारित कविता -मनीभाई नवरत्न हे कृष्ण !आप सर्वत्र।फिर भी खोजता हूँ;अगर कहूं आप पूर्ण हो ।तो सत्य भी हो जायेगा असत्य।चूंकि मैं अपूर्ण जो ठहरा । हे द्वारकाधीश !संसार रूपी कुरुक्षेत्र के नायक !संघर्ष में जन्मे ,खतरों में…
कृष्ण रासलीला लीला राधे कृष्ण सम,आँख उठा के देख।लाख कोटि महा शंख में,लख लीला है एक।। सब देवों की नारियाँ,कर नित साज सिंगार।गमन करें शुचि रास में ,बन ठन हो तैयार।। कृष्णप्रेम विह्वल शम्भु,निज मन कियो विचार।राधे कृष्ण प्रेम परम…
यह एक भजन है जिसमे कान्हा की भक्ति एवं उनकी कृपा प्राप्ति का प्रयास किया गया है |
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी - भजन - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "