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  • नवाजिश नवाजिश

    नवाजिश नवाजिश

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    तू जो मिली होने लगी ,जीने की ख्वाहिश ।
    आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।
    नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश।

    मुझको अपनी पनाह में ले ले ।
    सुन ले मेरी इल्तजा।
    कुछ ना भाये तेरे सिवा

    कैसा वक्त का तकाजा । तुझसे मिला, पूरी हूई मेरी फरमाइश।
    आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।

    नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश।।

  • सायकिल दिवस कविता (Poem on World Cycle Day)

    सायकिल दिवस कविता (Poem on World Cycle Day)

    सायकिल दिवस कविता (Poem on World Cycle Day)

    cycle

    मनीभाई की कविता

    अपने बचपन में , की थी जिससे यारी।

    वो मेरी सायकिल,जिसमें करूँ सवारी ।

    आज बदहाल पड़ा, कहीं किसी कोने में

    सेवा कर गुजारी, जिसने जिंदगी सारी।

    ना वो ईंधन लेता, ना फैलायें प्रदूषण ।

    ना दुर्घटना का भय,सुरक्षित हो जीवन।


    ना कोई झंझट दें, ना पार्किंग असुविधा

    ना है कोई ड्राइविंग लायसेंस का टेंशन।

    आज सायकिल छोड़ , ऐसा लगा मानो

    मैंने अपने जीवन में, भूल की बड़ भारी।

    अब सायकिल-यात्रा ,है बड़ी होशियारी।

    साइकिल से हो जाती ,पैसों की बचत।
    साइकिल से हो जाती , थोड़ी कसरत।

    अनेक समस्याओं का है ,वो समाधान।

    आज सायकिल बनी है , बड़ी जरूरत।

    मोटापा बन जाता है,कई रोगों की खान।

    सायकिल चलाके दूर करें, यह बीमारी।

    अब सायकिल-यात्रा ,है बड़ी होशियारी।

    मोटर,कार निकालती है, दिन रात जहर।
    संकट के बादल मंडराते,अब गांव शहर।

    यूं तो धन-दौलत की कमी नहीं है हमको

    तथापि,सायकिल से करनी होगी सफर।

    समय से पहले आओ करलें पूरी तैयारी ।

    अब सायकिल-यात्रा ,है बड़ी होशियारी।        

    (रचयिता :- मनी भाई भौंरादादर बसना )

    रेखा मल्हान कृष्णा की कविता

    साइकिल दिवस

    अरे! क्या आप पर्यावरण दिवस मनाने जा रहे हो?
    यानि निज धरा को स्वच्छ-सुन्दर बनाने जा रहे हो,
    सर्वप्रथम प्रदूषण मुक्त निज धरा हमें बनानी होगी,
    तो बताओ प्यारे! क्या तुम साइकिल चला रहे हो?

    साइकिल है शान की सवारी प्यारों ,
    धन-दौलत और सेहत बचाती ये प्यारों,
    ना कोई पैसा खर्च, वायु को भी करे शुद्ध,
    धीरे -धीरे डीजल- पैट्रोल हो रहा खत्म प्यारों ।

    धीरे -धीरे जब तुम अपने गंतव्य तक जाओगे,
    हाथ-पाँव भी तुम अपने मजबूत बनाओगे,
    दुर्घटना के खतरों से भी बचकर निकल जाएंगे,
    सुन्दर धरा सहित, स्वास्थ्य अपना भी पाओगे।

    एयरकंडीशनर वाहन से तापमान धरा का बढ़ा रहे,
    नन्हें-नन्हें शिशुओं, व नव अंकुर भी तुम खो रहे,
    आज से ही तुम लेलो एक महा-प्रण प्यारों,
    धरा को बचाओ प्यारे , जिसकी सुन्दरता खो रहे।

    साइकिल है सबसे प्यारी-न्यारी ये सवारी,
    जिसनें पूर्वजों की सेहत भी थी सँवारी,
    आओ मिलकर पूर्व-परंपरा का पालन करें,
    दोबारा अपनाएँ, साइकिल सवारी कृष्ण मुरारी।

    रेखा मल्हान कृष्णा

  • शिव की सात शक्ति

    प्रस्तुत कविता शिव की सात शक्ति भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

    शिव की सात शक्ति

    शिव की सातों शक्तियों,
    की साधना पुनीत।
    जब ये अनुकूलित रहे,
    साधक रिपु लें जीत।।
    सात मातृका हैं शिवा,
    इनका तीव्र प्रभाव।
    साधक पर पड़ता सदा,
    जाता बदल स्वभाव।।
    श्रीब्रह्माणी, वैष्णवी,
    माहेश्वरी तीन।
    इंद्राणी -कुमारीका च,
    वाराहीश्च पुनीत।।
    चामुण्डा है अति प्रबल,
    शिव की शक्ति अखण्ड।
    खुश हो तो सुख दें सदा,
    नाखुश हो तो दण्ड ।।
    पृथक -पृथक है साधना,
    तथा पृथक आयाम।
    जब जैसी हो परिस्थिति,
    करती वैसे काम।।
    मार्कण्डेय पुराण में,
    वाराही के नाम।।
    रक्तबीज संहार का ,
    लिखा हुआ है काम।।
    वाराही की साधना ,
    दक्षिण के तत्काल।
    विपदायें है रोकती,
    रुक जाता है काल।।
    संकट -शत्रु निवारती,
    हरि अंशी यह शक्ति ।
    श्रद्धा से हो साधना,
    मिलती हरि की भक्ति ।।


    एन्०पी०विश्वकर्मा, रायपुर


  • शहीदों के लिए कविता

    23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी।

    महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। महात्मा गांधी के सम्मान में 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर शहीद दिवस मनाया जाता है।

    शहीदों के लिए कविता

    शहीद, indian army
    शहीद, indian army

    नमन शहीदों को

    हंसकर जिसने बलिदानी दी !

    भारत मां के बेटों ने

    सरहद कुर्बान जवानी की !

    यह कुर्बानी भारत मां के,

    एक दिल में छुपी निशानी है !

    भगत सुभाष शेखर जैसे वीरों की

    अमर लिखी कहानी है !

    जिनका स्वाभिमान सरहद पर

    दुश्मन के आगे झुका नहीं !

    यह ठोस कलेजा सिंहो का

    अस्तित्व हमारा मिटा नहीं !

    यह भरत वंश का पानी है

    ना पीछे पर हटाते हैं !

    जिसकी ललकारे सुनकर के

    तूफान भी शीश झुकाते हैं !

    फहराओ तिरंगा अंबर में

    वीरों का उठ सम्मान करो !

    गदगद कर दो भारत मां को

    अर्पित तन मन धन प्राण करो !

    14 फरवरी वीरों के जज्बों की

    ऐसा फरियाद रहे!

    अर्क व्योम में बना रहे

    तब तक वीरों की याद रहे !

    काव्य युक्त यह आर्यावर्त हमें

    काव्य मयी स्वर वाणी दी !

    करता हूं नमन शहीदों को

    हंसकर जिसने बलिदानी दी।

    अर्जुन श्रीवास्तव

  • माघ शुक्ल सप्तमी

    माघ शुक्ल सप्तमी

    माघ शुक्ल की सप्तमी,
    रवि का आविर्भाव।
    लिखा भविष्य पुराण में,
    अविचल अंड प्रभाव ।।
    अधिक दिनों तक थे स्वयं,
    सूर्य देव भी अंड ।
    इसीलिए है नाम भी,
    उनका श्री मार्तण्ड।।
    यह तिथि है अति पुण्य की ,
    अचला, भानु, अर्क।
    सुत दायक भी कह रहे,
    करके तर्क-वितर्क।।
    नारद नाम पुराण में,
    कही गई यह बात।
    यही त्रिलोचन की तिथि,
    है जग मे विख्यात।।
    इसमे स्नान-दान का,
    श्राद्ध सहित कुछ कर्म।
    पुण्य प्रदायक हैं सदा,
    कहें सनातन धर्म।।
    अग्नि पुराण विचार कर,
    देते यह संदेश।
    निष्ठा से आराधना,
    स्वीकृत करें दिनेश।।
    द्वादश दल के कमल से,
    सूर्य देव का याग।
    सात्विक श्रद्धा सहित हो,
    दुर्गुण का कर त्याग ।।
    तर्पण, पूजा, आरती,
    शुद्ध करें मन-प्राण।
    सभी प्राणियों का करें,

    सूर्य देव कल्याण।।

    एन्०पी०विश्वकर्मा, रायपुर