acid-rain

कारवाँ पर कविता / रमेश कुमार सोनी

कारवाँ पर कविता / रमेश कुमार सोनी धरती माँ से सुनीकल एक कहानीदूध की नदियाँ औरसोने की चिड़िया थी कभीआँचल रत्नगर्भा औरपानी की अमृतधारा थी यहींवृक्षों की ठंडी छाँह औरखट्टे-मीठे फल का स्वादपरोसती थी वो कभी । आज मुझे वो…

chunav-ka-parva

लोकतंत्र का पर्व / आशीष कुमार

लोकतंत्र का पर्व / आशीष कुमार लोकतंत्र का पर्व पावन परम हैमतदान हमारा पुनीत करम हैबज चुका है चुनावी बिगुलपक्ष-विपक्ष सबका मामला गरम है कोई कट्टरपंथी चरम हैकोई दिखाता खुद को नरम हैटर्र टरा रहे चुनावी मेंढकहर जगह मामला गरम…

beti

बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान

बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान मनुजता शूचिता शुभता,खुशियों की पहचान होती है।जहाँ बिटिया के मुखड़े पर,धवल मुस्कान होती है।इसी बिटिया से ही खुशियाँ,सतत उत्थान होती है।जहाँ बिटिया के मुखड़े,पर धवल मुस्कान होती है। सदन में हर्ष था उस दिन,सुता…

beti

आज बेटी किसी की बहू

आज बेटी किसी की बहू गीत – उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट दर्द को जो समझते नहीं हैं कभी, बेटियों से किसी की करें हाय छल।क्यों बहू को यहाँ नौकरानी समझ, जुल्म ढाने लगे लोग हैं आजकल।। आज बेटी किसी की बने…