हूँ तन से दिव्यांग मन से नहीं-(विश्व दिव्यांग दिवस विशेष)
एक दिव्यांग अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं बल्कि आत्म बल साहस बना सबको एक नई दिशा देता है और नित आगे बढ़ता है
एक दिव्यांग अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं बल्कि आत्म बल साहस बना सबको एक नई दिशा देता है और नित आगे बढ़ता है
2 December Slavery Abolition Day
नानक पर कविता-अलामा मुहम्मद इकबाल कौम ने पैग़ामे गौतम की ज़रा परवाह न कीकदर पहचानी न अपने गौहरे यक दाना की आह ! बदकिसमत रहे आवाज़े हक से बेख़बरग़ाफ़िल अपने फल की शीरीनी से होता है शजर आशकार उसने कीया…
गुरू नानक शाह-नज़ीर अकबराबादी हैं कहते नानक शाह जिन्हें वह पूरे हैं आगाह गुरू ।वह कामिल रहबर जग में हैं यूँ रौशन जैसे माह गुरू ।मक़्सूद मुराद, उम्मीद सभी, बर लाते हैं दिलख़्वाह गुरू ।नित लुत्फ़ो करम से करते हैं…
गुरु नानक-मैथिलीशरण गुप्त मिल सकता है किसी जाति कोआत्मबोध से ही चैतन्य ;नानक-सा उद्बोधक पाकरहुआ पंचनद पुनरपि धन्य ।साधे सिख गुरुओं ने अपनेदोनों लोक सहज-सज्ञान;वर्त्तमान के साथ सुधी जनकरते हैं भावी का ध्यान ।हुआ उचित ही वेदीकुल मेंप्रथम प्रतिष्टित गुरु…