कोरोना पर दोहे
विद्यालय सब बंद है,कोरोना का घात।
नर नारी सब मास्क पर,कहते डर की बात।।
हाथ विचारे देख के,रहते हैं चुपचाप।
नहीं बताते कुछ हमें,कोरोना पर आप।।
कोरोना के काट का,खोज करो सब आज।
मरे नहीं कोई यहाँ,होवे खूब इलाज।।
आवत रोगी देख के,काँपे सबके हाथ।
डॉक्टर परिजन सब डरे,असली रिश्ते साथ।।
धोते रहना हाथ को,मास्क रहे मुँह नाक।
भीड़ भाड़ से दूर हो,कोरोना तब खाक।।
राजकिशोर धिरही