महिला (स्त्री, औरत या नारी) मानव के मादा स्वरूप को कहते हैं, जो स्त्रीलिंग है। महिला शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। किन्तु कई संदर्भो में यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी प्रयोग मे लाया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार।
नारी की व्यथा पर कविता
बरसों पहले आजाद हुआ देश पर अब भी बेटी आजाद नहीं हर बार शिकार हो रही बेटियां है यह एक बार की बात नहीं ।
जिस बेटी से पाया जन्म मनुज उसी का तन छल्ली कर देता है मात्र हवस बुझाने की खातिर मासूम कलियों को नोच देता है
इंसानियत मर चुकी है अब तो इंसानो में शैतान का वास होता है उस हवसी दरिंदे को क्या मालूम परिवार उसका कितना रोता है।
तन मन की बढ़ती हुई भूख ने बच्चो को बना डाला निवाला है बेटियों को मनहूस कहने वालों तुमने ही हवसी कुत्तो को पाला है
बेटियों पर लाखो बंदिशें लगाकर समाज ने उसेअबला बना डाला है खुला छोड़ लाडले बेटो को देखो इंसानियत पर तमाचा मारा है।
आज तो बेटी किसी और की थी कल तुम्हारी भी तो हो सकती है कुचल डालो हवसी दरिंदों को बेटी और दुख नहीं सह सकती है