सतनाम पर कविता

सत के रद्दा बताये गुरूसही मारग दिखाये।सहीं मारग बतायें गुरू जय‌‌‌तखाम ल गड़ाये।। चंदा सुरूज ल चिनहायेगुरु,जोड़ा खाम ल गड़ायेविजय पताका ल फहरायेसाहेब, सतनाम ल बताये।। तोरे चरनकुंड के महिमासाहेब, जन-जन ल बताये। सादा के धजा बबा,सादा तिलक तोर माथे…

हर क्षण नया है

हर क्षण नया है। साल नया आ गया गौर से देखो हर क्षण नया होता है।कुछ मिलता है, कुछ खोना होता है।हर क्षण नया होता है। जीवन के इस सफर में, कोई अपना कोई पराया होता है।सुख, दुःख की दो…

लो..और कर लो विकास पर कविता

*लो..और कर लो विकास !* ग्लेशियर का टूटना और ये भूकम्प का आनाभूस्खलन,सुरंग धसना और बादल फटना,सरकार और कॉरपोरेट जगत तो मानते हैंये सभी है महज एक सहज प्राकृतिक घटना ! इस तरह की कई हादसों का जिम्मेदार हैविकास की…

आत्म ज्ञान ही नया दिन

जिस दिन जीवन खुशहाल रहे,जिस दिन आत्मा ज्ञान प्रकाश रहे,उस दिन दीवाली है।जिस दिन सेवा समर्पण भाव रहे,जिस दिन नवीन अविष्काररहेनव वर्ष आने वाली हैं।जिस दिन घर घर पर दीपजले,जिस दिन पापियन निज हाथ मलेउस दिन दीवाली है।नव वर्ष की…

कल्पना शक्ति पर कविता

कल्पना शक्ति बनाम मन की अभिव्यक्ति! भावावेश में आकर,कल्पनाओं के देश में जाकर,अक्सर बहक जाता हूं, खुद को पंछी सा समझ कर,उड़ता हूं, उन्मुक्त गगन में,खुशी से, चहक जाता हूं!यह मेरे, मन की, भड़ास हैया कि छिछोरा पागलपन,क्या कुछ है,…