अब क्या होत है पछताने से

अब क्या होत है पछताने से तनको मलमल धोया रे और मनका मैल न धोयाअब क्या होत है पछताने से वृथा जनम को खोया रेभक्ति पनका करे दिखावा तूने रंगा चदरिया ओढ़करछल कपट की काली कमाई संग ले जाएगा क्या…

जग में तू आया मानव

जग में तू आया मानव इस जग में तू आया मानव,कर्म सुनहरा करने को।फिर क्यों बैठा सड़क किनारे,लिए कटोरा हाथों में।कंचन जैसे यह सुन्दर कायाव्यर्थ में कैसे झोंक दिया।आलस्य लबादा ओढ़के तूने,स्वाभिमान को बेच दिया।सक्षम  होकर  लाज  न आयी,बिना कर्म…

लोकतंत्र की हत्या

लोकतंत्र की हत्या आज भी सजा था मंचसामने थे बैठेअसंख्य श्रद्धालुगूंज रही थींमधुर स्वर लहरियाँभजनों कीआज के सतसंग मेंआया हुआ थाएक बड़ा नेताप्रबंधक लगे थेतौल-मौल मेंप्रवचन थे वही पुरानेकहा गया ‘हम हैं संत’संतों ने क्या लेनाराजनीति सेसमस्त श्रद्धालुओं नेकिया एक…

वृध्दों पर दोहे- सुधा शर्मा

वृध्दों पर दोहे बूढ़ा बरगद रो रहा, सूख गये सब पात।अपनों ने ही मार दी,तन पर देखो लात।। दिया उमर भर आज तक,घनी सभी को छाँह।भूल गये सब कृतज्ञता,काट रहे हैं बाँह।। ढूंढ रहा है देख लो,बेबस अपनी छाँव।आया कैसा…

Jai Sri Ram kavitabahar

रामनवमी पर दोहे / सुधा शर्मा

रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जो अप्रैल-मई में आता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। रामनवमी पर दोहे / सुधा शर्मा जनम लिए रघुनाथ हैं,हर्षित जन मन आज।आए जग भरतार…