सुनो तुम आ जाओ न
सुनो तुम आ जाओ न सुनो तुम आ जाओ नकुछ अपनी भी सुनाओ नखफ़ा खफ़ा से लगते होथोड़ा सही मुस्कुराओ नयहाँ लोग बातें बनाते हैंनिगाहों को नहीं मिलाओ नबेख़ौफ़ हम रहते हैं मगरतुम तन्हा नहीं बुलाओ नज़िक्र मेरा हर सू…
सुनो तुम आ जाओ न सुनो तुम आ जाओ नकुछ अपनी भी सुनाओ नखफ़ा खफ़ा से लगते होथोड़ा सही मुस्कुराओ नयहाँ लोग बातें बनाते हैंनिगाहों को नहीं मिलाओ नबेख़ौफ़ हम रहते हैं मगरतुम तन्हा नहीं बुलाओ नज़िक्र मेरा हर सू…
कुण्डलिया अंदर की यह शून्यता , बढ़ जाये अवसाद ।संशय विष से ग्रस्त मन , ढूढ़े ज्ञान प्रसाद ।।ढूढ़े ज्ञान प्रसाद , व्यथित मन व्याकुल होता ।आत्म – बोध से दूर , … खड़ा एकाकी रोता ।।कह ननकी कवि तुच्छ…
पानी के रूप धरती का जब मन टूटा तो झरना बन कर फूटा पानी हृदय हिमालय का पिघला जब नदिया बन कर बहता पानी ।। पेट की आग बुझावन हेतु टप टप मेहनत टपका पानी उर में दर्द समाया जब जब आँसू बन कर बहता पानी ।।…
मन की जिद ने इस धरती पर कितने रंग बिखेरे दिन गुजरे या रातें बीतीं ,रोज लगाती फेरे।मन की जिद ने इस धरती पर, कितने रंग बिखेरे।कभी संकटों के बादल ने, सुख सूरज को घेरा।कभी बना दुख बाढ़ भयावह ,मन…
चहचहाती गौरैया चहचहाती गौरैयामुंडेर में बैठअपनी घोसला बनाती है,चार दाना खाती हैचु चु की आवाज करती है,घोसले में बैठेनन्ही चिड़िया के लिएचोंच में दबाकरदाना लाती है,रंगीन दुनिया मेंअपनी परवाज लेकररंग बिखरेती है,स्वछंद आकाश मेंअपनी उड़ान भरती है,न कोई सीमान कोई…