सच्ची मुहब्बत पर गजल
सच्ची मुहब्बत पर गजल भला इस दौर में सच्ची मुहब्बत कौन करता हैबिना मतलब जहाँ भर में इबादत कौन करता हैहसीं रंगीन दुनिया के नजारे छोड़ कर पीछेमुहब्बत के सफीनों की जियारत कौन करता हैयह खुदगर्ज़ी भरी दुनिया यहाँ कोई नहीं अपनाकिसी मजबूर पर दिल से इनायत कौन करता हैअमीरी में हज़ारों हाथ बन जाते … Read more