नारी पर सुन्दर कविता
आँखों से आंसू बहते हैं
पानी पानी है नारी।
पानी पानी है नारी।
दुनियां की नज़रों में बस इक
करूण कहानी है नारी।।
करूण कहानी है नारी।।
युगों -युगों से जाने कितने
कितने अत्याचार सहे।
कितने अत्याचार सहे।
अबला से सबला तक आयी
हार न मानी है नारी।।
हार न मानी है नारी।।
ब्रह्मा विष्णु गोद खिलाए
नाच नचाया नटवर को।
नाच नचाया नटवर को।
अनुसुइया है कौसल्या है
राधा रानी है नारी।।
राधा रानी है नारी।।
एक नही दो नही महज़ इस
के किरदार अनेकों हैं।
के किरदार अनेकों हैं।
कभी लक्षमी कभी शारदे
कभी भवानी है नारी।
कभी भवानी है नारी।
महफ़िल में रौनक है इससे
गुलशन में बहार है ये।।
गुलशन में बहार है ये।।
सारी दुनियां महा समंदर
और रवानी है नारी।।
और रवानी है नारी।।
——-✍
जयपाल प्रखर करुण
रवानी–धारा, गति, प्रवाह