प्रजातंत्र पर कविता

प्रजातंत्र पर कविता जहरीला धुंआ है चारो ओर,मुक्त हवा नहीं है आज,पांडव सर पर हाथ धरे हैं,कौरव कर रहे हैं राज! समाज जकड़ा जा रहा है,खूनी अमरबेल के पंजों में,नित्य फंसता ही जा रहा है,भ्रष्टाचार के शिकंजों में! आतंक का रावणअट्टहास कर रहा है,कहने को है प्रजातंत्र,अधिकारों का हनन,कोई खास कर रहा है! शासन की … Read more

सुनो एक काम करते हैं

सुनो एक काम करते हैं सुनो एक काम करते हैं दोनों भाग जाते हैंचलेंगे उस जगह पे हम जहां सब मुस्कुराते हैंबहारों का हंसी मौसम जहाँ हर रोज़ रहता होपपीहे पीहू पीहू के जहाँ पे गीत गाते हैं दूर तक फैला हो अम्बर क्षितिज सा इक नज़ारा होबीच खेतों के सुंदर सा वहीं इक घर … Read more

उषा सुहानी लगे प्यारी

उषा सुहानी लगे प्यारी उषा सुहानी लगे प्यारी मंद पवन की ठंडक न्यारी घोंसला छोड़ पंछी भागे उषाकाल नींदों से जागे ।            कोयल की सुन मीठी वाणी            छुप छुप किया करे मनमानी             शीतल मंद पवन मदमाती             रवि किरण तन -मन को लुभाती। कोहरा आकाश धुँधलाता । हरा भरा तृण उर लुभाता। … Read more

स्वामी जी आपको करते हैं नमन

स्वामी विवेकानंद

स्वामी जी आपको करते हैं नमन स्वामी जी आपको करते हैं नमनस्वीकार कीजिए श्रद्धा सुमन वेदों का पाठ सारे जग को पढ़ायादुनिया में भारत का मान बढ़ायाशिकागो का यादगार सम्मेलनस्वामी जी आपको करते हैं नमन युवाओं को बढ़ने का मार्ग बतायादीन-दुखियों को गले से लगायासेवा में अर्पित किया जीवनस्वामी जी आपको करते हैं नमन रामकृष्ण … Read more