भग्नावशेष
भग्नावशेष ये भग्नावशेष है।यहाँ नहीं था कोई मंदिरन थी कोई मस्जिद ।न ही यह किसी राजे महाराजों कीमुहब्बत का दिखावा था।यहाँ नहीं कोई रंगमहलन ही दीवाने आमदीवाने खास। न ही स्नानागार न स्विमिंग पूल।न खिड़की न झरोखे।न झालरें।न कुर्सियाँ न सोफे।बंदूकें न तोपें।यहाँ कभी गूँजी नहीं घोड़ों की टापें।यहाँ खूँटों में बंधते थे बैल और … Read more
बसंत आया दूल्हा बन
बसंत आया दूल्हा बन बसंत आया दूल्हा बन,बासंती परिधान पहन।उर्वी उल्लासित हो रही,उस पर छाया है मदन।। पतझड़ ने खूब सताया,विरहा में थी बिन प्रीतम।पर्ण-वसन सब झड़ गये,किये क्षिति ने लाख जतन।। ऋतुराज ने उसे मनाया,नव कोपलें ,नव पल्हव।फिर से बनी नव यौवना ,मही मनमुदित है मगन।। वसुंधरा पर हर्ष छाया ,सभी मना … Read more
ऋतुराज बसंत
ऋतुराज बसंत ऋतुराज बसंत प्यारी-सी आई,पीले पीले फूलों की बहार छाई।प्रकृति में मनोरम सुंदरता आई,हर जीव जगत के मन को भाई। वसुंधरा ने ओढ़ी पीली चुनरिया,मदन उत्सव की मंगल बधाइयाँ ।आँगन रंगोली घर द्वार सजाया,शहनाई ढ़ोल संग मृदंग बजाया । बसंत पंचमी का उत्सव मनाया,माँ शारदे को पुष्पहार पहनाया।पुष्प दीप से पूजा थाल सजाया,माँ की … Read more
ऋतुराज का आगमन
ऋतुराज का आगमन ऋतुराज बसंत लेकर आयेवसंत पंचमी, शिवरात्रि और होलीआ रही पेड़ों के झुरमुट सेकोयल की वो मीठी बोली । बौरों से लद रहे आम वृक्षहै बिखर रही महुआ की गंधनव कोपल से सज रहे वृक्षचल रही वसंती पवन मंद । पलाश व सेमल के लाल-लाल फूलभँवरे मतवाले का मधुर गानसौन्दर्य बिखेरती मौसम सुहावनाऔर … Read more