अपनापन पर कविता
अपनापन पर कविता अपनापन ये शब्द जहां काहोता सबसे अनमोलप्यार नेह से मिल जातासंग जब हों मीठे बोल। अपनापन यदि जीवन में होहर लम्हा रंगे बहारअपने ही गैर बन जाएं तोग़म का दरिया है संसार। अपनेपन की अभिलाषी थीमैं अपनों…
अपनापन पर कविता अपनापन ये शब्द जहां काहोता सबसे अनमोलप्यार नेह से मिल जातासंग जब हों मीठे बोल। अपनापन यदि जीवन में होहर लम्हा रंगे बहारअपने ही गैर बन जाएं तोग़म का दरिया है संसार। अपनेपन की अभिलाषी थीमैं अपनों…
मातृभूमि पर कविता मातृभूमि के लिये नित्य ही,अभय हो जीवन दे दूंगा ।तन ,मन , धन निस्वार्थ भाव,सर्वस्व समर्पित कर दूंगा। जिस मातृभूमि में जन्म लिया है,जिसके अंक नित खेल हूँ।शिवा जी दधीचि की मिट्टी कामत भूलो मैं चेला हूँ।…
चक्रव्यूह में फंसी बेटी (1)बर्फीली सर्दी में नवजात बेटी को,जो छोड़ देते झाड़ियों में निराधार।वे बेटी को अभिशाप समझते,ऐसे पत्थर दिलों को धिक्कार। (2)जो कोख में ही कत्ल करके भ्रूण,मोटी कमाई का कर रहे व्यापार।निर्दयी माता-पिता फोड़े की तरह,गर्भपात…
अंतरतम पीड़ा जागी खोया स्वत्व दिवा ने अपनाअंतरतम पीड़ा जागीघूँघट हैं छुपाये तब तब हीधडकन में व्रीडा जागी । अधर कपोल अबीर भरे सेसस्मित हास् लुटाती सीसतरंगी सी चुनर ओढ़ेद्वन्द विरोध मिटाती सीथाम हाथ साजन के कर मेंसकुचाती अलबेली सीसिहर…
कोयल रानी ओ शर्मीली कोयल रानी आज जरा तुम गा दो ना।आम वृक्ष के झुरमुट में छुपकर मधुर गीत सुना दो ना।। शीतल सुरभित मंद पवन है और आम का अमृतरस ।आम से भी मीठी तेरी बोली सुनने को जी…