ऋतुराज बसंत

ऋतुराज बसंत ऋतुराज बसंत प्यारी-सी आई,पीले पीले फूलों की बहार छाई।प्रकृति में मनोरम सुंदरता आई,हर जीव जगत के मन को भाई। वसुंधरा ने ओढ़ी पीली चुनरिया,मदन उत्सव की मंगल बधाइयाँ ।आँगन रंगोली घर द्वार सजाया,शहनाई ढ़ोल संग मृदंग बजाया । बसंत पंचमी का उत्सव मनाया,माँ शारदे को पुष्पहार पहनाया।पुष्प दीप से पूजा थाल सजाया,माँ की … Read more

ऋतुराज का आगमन

ऋतुराज का आगमन ऋतुराज बसंत लेकर आयेवसंत पंचमी, शिवरात्रि और होलीआ रही पेड़ों के झुरमुट सेकोयल की वो मीठी  बोली । बौरों से लद रहे आम वृक्षहै बिखर रही महुआ की गंधनव कोपल से सज रहे वृक्षचल रही वसंती पवन मंद । पलाश व सेमल के लाल-लाल फूलभँवरे मतवाले का मधुर गानसौन्दर्य बिखेरती मौसम सुहावनाऔर … Read more

सुंदर पावन धरा भारती

सुंदर पावन धरा भारती सुंदर पावन धरा भारती ।आओ उतारें हम आरती ••२ नवचेतना के द्वार खोल अबसुनें कविता सृजन की आवाजखत्म हो हैवानियत की इन्तहांइंसानियत का ही हो आगाजसुंदर पावन धरा भारती ।आओ उतारें हम आरती ••२ नतमस्तक हो हम सभीअर्पण करें पूजा के फूलन कोई पीड़ा, न कुंठामन में चुभते न कोई शूलसुंदर … Read more

जब याद तुम्हारी आती है

जब याद तुम्हारी आती है जब याद तुम्हारी आती हैमन आकुल व्याकुल हो जाता हैतुम चांद की शीतल छाया होतुम प्रेम की तपती काया हो। तुम आये भर गये उजालेसफल हुए सपने जो पालेद्वार हंसे, आंगन मुसकायेभाग्य हो गये मधु के प्याले । तुम हो सावन की रिमझिम फुहारतुम फागुन के रंग रसियाजिन क्षणों तुम … Read more

नयनों की भाषा

नयनों की भाषा तुमने चाहा थामैं  कुछ सीखूँकुछ  समझूँकुछ  सोचूँपर  जब मैंनेकुछ   सीखाकुछ  समझाकुछ  सोचातब  तक बहुत देरहो चुकी थी,मेरे जीवन केअनेक फासलेतय हो चुके थेजिन्दगी नये राह पर थी । आजजब तुम अचानकमेरे सामने आईमुझे देखकरधीरे से मुस्कायेथोडी सकुचाईथोडी सी शरमाईमैंने तुम्हारे नयनो की भाषा कोपढ़ लियालेकिन तब तकजिन्दगी तोअनेक फैसलेले चुकी थीअब बहुत … Read more