इंसान हो तो सदा सदकर्म करो
इंसान हो तो सदा सदकर्म करो इंसान हो तो सदा सदकर्म करो या चुल्लू भर पानी में डूब मरो चार दिन की चटक चाँदनी फिर तो अंधेरी रात हैये जीवन अभिनय मंच हैकुछ नहीं संग में जात है साँसे मिली है गिनती में कभी इसे ना ब्यर्थ करो मुठ्ठी बाँध आए जग में बस हाथ … Read more