
स्वालंबन पर कविता
स्वालंबन पर कविता स्वालंबन है जीवन अवलंबनबिन स्वावलंब जीवन है बंधनस्वावलंबन ही है आत्मनिर्भरताबिन इसके जीवन दीप न जलता। स्वालंबन जग में पहचान कराताशिक्षा का सदुपयोग सिखातानिराशा में भी आशा भरताऊसर में भी प्रसून खिलाता। अपना दीपक स्वयं बनोस्वालंबन ही…