कवि बैरागी की कविता: आशीषों का आँचल

कवि बैरागी की कविता: आशीषों का आँचल

कवि बैरागी की कविता: आशीषों का आँचल कवि बैरागी की कविता: आशीषों का आँचल आशीषों का आँचल भरकर, प्यारे बच्चो लाई हूँ।युग जननी मैं भारत माता, द्वार तुम्हारे आई हूँ। तुम ही मेरे भावी रक्षक, तुम ही मेरी आशा हो।तुम ही मेरे भाग्यविधाता, तुम ही प्राण पिपासा हो। मर्यादा का, त्याग-शील का, पाठ मिला रघुराई … Read more

हिंदी संग्रह कविता-हम कुछ करके दिखलाएँगे–कमलेश त्रिपाठी

हम कुछ करके दिखलाएँगे है शौक यही, अरमान यही, हम कुछ करके दिखलाएँगे।मरने वाली दुनिया में हम, अमरों में नाम लिखाएँगे। जो लोग गरीब भिखारी हैं, जिन पर न किसी की छाया है।हम उनको गले लगायेंगे, हम उनको सुखी बनायेंगे। जो लोग अँधेरे घर में हैं, अपनी ही नहीं नज़र में हैं,हम उनके कोने-कोन में, … Read more

हिंदी संग्रह कविता-न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है

न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है। जिसे सुनकर दहलती थी कभी छाती सिकंदर की,जिसे सुनकर कि कर से छूटती थी तेग बाबर की,जिसे सुन शत्रु की फौजें बिखरती थीं, सिहरती थीं,विसर्जन की शरण ले डूबती नावें उभरती थीं।हुई नीली कि जिसकी चोट से … Read more

हिंदी संग्रह कविता-खून दिया है मगर नहीं दी कभी देश की माटी है

खून दिया है मगर नहीं दी कभी देश की माटी है युगों-युगों से यही हमारी बनी हुई परिपाटी है,खून दिया है, मगर नहीं दी कभी देश की माटी है। इस धरती पर जन्म लिया है, यही पुनीता माता है,एक प्राण, दो देह सरीखा, इससे अपना नाता है।यह धरती है पार्वती माँ, यही राष्ट्र शिव शंकर … Read more

हिंदी संग्रह कविता-दुश्मन के लोहू की प्यासी भारत की तलवार है

दुश्मन के लोहू की प्यासी भारत की तलवार है अरे! तुम्हारे दरवाजे पर दुश्मन की ललकार हैभारत की रणमत्त जवानी, चल क्या सोच विचार है।राणा के वंशजो, शिवा के पूतो, माँ के लाड़लो।समर-भूमि में बढ़ो, शत्रु को रोको और पछाड़ लो,तुम्हें कसम है अपनी मां के पावन गाढ़े दूध की,चलो चीन से अपनी चौकी, चाँदी … Read more