हिंदी संग्रह कविता-न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है

न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है। जिसे सुनकर दहलती थी कभी छाती सिकंदर की,जिसे सुनकर कि कर से छूटती थी तेग बाबर की,जिसे सुन शत्रु की फौजें बिखरती थीं, सिहरती थीं,विसर्जन की शरण ले डूबती नावें उभरती थीं।हुई नीली कि जिसकी चोट से … Read more

हिंदी संग्रह कविता-खून दिया है मगर नहीं दी कभी देश की माटी है

खून दिया है मगर नहीं दी कभी देश की माटी है युगों-युगों से यही हमारी बनी हुई परिपाटी है,खून दिया है, मगर नहीं दी कभी देश की माटी है। इस धरती पर जन्म लिया है, यही पुनीता माता है,एक प्राण, दो देह सरीखा, इससे अपना नाता है।यह धरती है पार्वती माँ, यही राष्ट्र शिव शंकर … Read more

हिंदी संग्रह कविता-दुश्मन के लोहू की प्यासी भारत की तलवार है

दुश्मन के लोहू की प्यासी भारत की तलवार है अरे! तुम्हारे दरवाजे पर दुश्मन की ललकार हैभारत की रणमत्त जवानी, चल क्या सोच विचार है।राणा के वंशजो, शिवा के पूतो, माँ के लाड़लो।समर-भूमि में बढ़ो, शत्रु को रोको और पछाड़ लो,तुम्हें कसम है अपनी मां के पावन गाढ़े दूध की,चलो चीन से अपनी चौकी, चाँदी … Read more

हिंदी संग्रह कविता-खड़ा हिमालय बता रहा है

खड़ा हिमालय बता रहा है खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आँधी पानी में।खड़े रहो अपने ही पथ पर, कठिनाई – तूफानों में।डिगो न अपने पथ से तो फिर, सब कुछ पा सकते प्यारे।तुम भी ऊँचे हो सकते हो, छू सकते नभ के तारे।अचल रहा जो अपने पथ पर, लाख मुसीबत आने में।मिली सफलता … Read more

हिंदी संग्रह कविता-हम अर्चना करेंगे

हम अर्चना करेंगे हे जन्म-भूमि भारत, हे कर्मभूमि भारत,हे वन्दनीय भारत, अभिनन्दनीय भारत,जीवन सुमन चढ़ाकर, आराधना करेंगे,तेरी जनम-जनम भर, हम वन्दना करेंगे। हम अर्चना करेंगे…. महिमा महान् तू है, गौरव निधान तू है,तू प्राण है, हमारी जननी समान तू है,तेरे लिए जिएँगे, तेरे लिए मरेंगे,तेरे लिए जनम भर, हम साधना करेंगे। हम अर्चना करेंगे… जिसका … Read more