हिंदी संग्रह कविता-हम करें राष्ट्र-आराधन

हम करें राष्ट्र-आराधन हम करें राष्ट्र-आराधन, तन से, मन से, धन से।तन, मन, धन, जीवन से, हम करें राष्ट्र-आराधन॥ अंतर से, मुख से, कृति से, निश्चल हो निर्मल मति से।श्रद्धा से, मस्तक -नत से, हम करें राष्ट्र-अभिवादन ।। अपने हँसते शैशव से, अपने खिलते यौवन से।प्रौढ़तापूर्ण जीवन से, हम करें राष्ट्र का अर्चन ।। अपने … Read more

हिंदी संग्रह कविता- सुना रहा हूँ तुम्हें भैरवी

सुना रहा हूँ तुम्हें भैरवी सुना रहा हूँ तुम्हें भैरवी जागो मेरे सोने वाले!जब सारी दुनिया सोती थी तब तुमने ही उसे जगायादिव्य गान के दीप जलाकर तुमने ही तम दूर भगाया,तुम्हीं सो रहे, दुनिया जगती यह कैसा मद है मतवाले। गंगा-यमुना के कूलों पर, सप्त सौध थे खड़े तुम्हारे,सिंहासन था, स्वर्ण छत्र था, कौन … Read more

हिंदी संग्रह कविता- वही देश है मेरा

वही देश है मेरा वही देश है मेरा,वही देश है मेरा। द-ऋचाओं में गूंजा है,जिसका अम्बर नीला।जहाँ राम घनश्याम कर गए,युग-युग अद्भुत लीला।जहाँ बांसुरी बजी ज्ञान की, जागा स्वर्ण सवेरा।वही देश है मेरा.. जहां बुद्ध ने सत्य-अहिंसाका था अलख जगाया।गुरु नानक ने विश्वप्रेम काराग जहाँ सरसाया।मेरे-तेरे भेद-भाव का मन से मिटा अँधेरा।वही देश है मेरा.. … Read more

हिंदी संग्रह कविता- राष्ट्र की जय

राष्ट्र की जय राष्ट्र की जय चेतना का, गान वन्दे मातरम्राष्ट्र भक्ति प्रेरणा का, गान वन्दे मातरम् । बंसी के बजते स्वरों का, प्राण वन्दे मातरम्झल्लरी झंकार झनके, नाद वन्दे मातरम् ।शंख के संघोष का, संदेश वन्दे मातरम्। राष्ट्र भक्ति. सृष्टि बीज मंत्र का है, मर्म वन्दे मातरम्राम के वनवास का है, काव्य वन्दे मातरम्दिव्य … Read more

हिंदी संग्रह कविता- जय जय भारत

जय जय भारत जय जय भारत, जन-मन अभिमतजन-गण-तन्त्र विधाता। गौरव-भाल-हिमाचल उज्ज्वलहृदय-हार गंगा-जल,कटि विन्ध्याचल, सिन्धु चरण-तलमहिमा शाश्वत गाता। हरे खेत, लहरें नद-निर्झरजीवन-शोभा उर्वर,विश्व कर्मरत कोटि बाहु-करअगणित पद ध्रुव पथ पर। प्रथम सभ्यता-ज्ञाता, साम-ध्वनित गुण-गाथा,जय नव-मानवता-निर्मातासत्य-अहिंसा-दाता।जय हे! जय हे ! जय हे! शांति-अधिष्ठाता। जन-गण-तन्त्र विधाता।प्रयाण तूर्य बज उठे,पटह तुमुल गरज उठे,विशाल सत्य-सैन्य, लौह-भुज उठे। शक्ति-स्वरूपिणि, बहुबलधारिणि, वंदित … Read more