मौत से ठन गई / अटल बिहारी वाजपेयी

atal bihari bajpei

मौत से ठन गई / अटल बिहारी वाजपेयी ठन गई!मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था,मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था, रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई। मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं। मैं जी भर … Read more

दूध में दरार पड़ गई / अटल बिहारी वाजपेयी

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दूध में दरार पड़ गई / अटल बिहारी वाजपेयी ख़ून क्यों सफ़ेद हो गया?भेद में अभेद खो गया।बँट गये शहीद, गीत कट गए,कलेजे में कटार दड़ गई।दूध में दरार पड़ गई। खेतों में बारूदी गंध,टूट गये नानक के छंदसतलुज सहम उठी, व्यथित सी बितस्ता है।वसंत से बहार झड़ गईदूध में दरार पड़ गई। अपनी ही … Read more

कौरव कौन कौन पांडव / अटल बिहारी वाजपेयी

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कौरव कौन कौन पांडव / अटल बिहारी वाजपेयी कौरव कौनकौन पांडव,टेढ़ा सवाल है|दोनों ओर शकुनिका फैलाकूटजाल है|धर्मराज ने छोड़ी नहींजुए की लत है|हर पंचायत मेंपांचालीअपमानित है|बिना कृष्ण केआजमहाभारत होना है,कोई राजा बने,रंक को तो रोना है| कौरव कौन, कौन पांडव / अटल बिहारी वाजपेयी

पंद्रह अगस्त की पुकार / अटल बिहारी वाजपेयी

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पंद्रह अगस्त की पुकार / अटल बिहारी वाजपेयी पंद्रह अगस्त का दिन कहता:आज़ादी अभी अधूरी है।सपने सच होने बाकी है,रावी की शपथ न पूरी है॥ जिनकी लाशों पर पग धर करआज़ादी भारत में आई,वे अब तक हैं खानाबदोशग़म की काली बदली छाई॥ कलकत्ते के फुटपाथों परजो आँधी-पानी सहते हैं।उनसे पूछो, पंद्रह अगस्त केबारे में क्या … Read more

हरी हरी दूब पर / अटल बिहारी वाजपेयी

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हरी हरी दूब पर / अटल बिहारी वाजपेयी हरी हरी दूब परओस की बूंदेअभी थी,अभी नहीं हैं|ऐसी खुशियाँजो हमेशा हमारा साथ देंकभी नहीं थी,कहीं नहीं हैं| क्काँयर की कोख सेफूटा बाल सूर्य,जब पूरब की गोद मेंपाँव फैलाने लगा,तो मेरी बगीची कापत्ता-पत्ता जगमगाने लगा,मैं उगते सूर्य को नमस्कार करूँया उसके ताप से भाप बनी,ओस की बुँदों … Read more