राम स्तुति / अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

राम स्तुति / अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

shri ram hindi poem.j

रघुनन्दन हे सबके प्यारे
रामचंद्र तुम सबके दुलारे
कौशल्या को तुम हो प्यारे
दशरथ नंदन सबके प्यारे
जय सीतापति जय हो राघव
जय दशरथी जय जानकी बल्लभ
जय रघुनन्दन जय श्री राम
रावण को तुमने है तारा
प्रिय विभीषण को गले लगाया
सुग्रीव ने तुमसे जीवन पाया
सबरी को भी मोक्ष दिलाया
आदर्शों के तुम सो स्वामी
हे प्रभु हे अन्तर्यामी
अहिल्या ने भी जीवन पाया
असुरों को भी प्रभु पार लगाया
बने सबकी आँखों के तारे
घर – घर आओ राम हमारे
राम-राम जय राम – राम
कर दो सबके पूर्ण काम
निर्मल कर दो सबकी काया
हर लो प्रभु जी सारी माया
रघुनन्दन हे सबके प्यारे
रामचंद्र तुम सबके दुलारे

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply