तुकांत क्या है ?

तुकान्त क्या है ?     काव्य पंक्तियों के अंतिम भाग में पायी जाने वाली वर्णों की समानता को तुकान्त कहते हैं।      कविता के शिल्प में तुकान्त का विशेष महत्व है, इसलिए काव्य-साधना के लिए तुकान्त-विधान समझना आवश्यक है। आइए हम तुकान्त को समझने का प्रयास करें ।       इसे समझने … Read more

हाकलि/मानव छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

हाकलि/मानव छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 14 मात्रा होती हैं , तीन चौकल के बाद एक द्विकल होता है (4+4+4+2) l यदि तीन चौकल अनिवार्य न हों तो यही छंद ‘मानव’ कहलाता है l उदाहरण – बने ब/हुत हैं/ पूजा/लय,अब बन/वाओ/ शौचा/लय lघर की/ लाज ब/चाना/ है,शौचा/लय बन/वाना है l– ओम … Read more

मापनीमुक्त मात्रिक छंद विशेषताएं

मापनीमुक्त मात्रिक छंद विशेषताएं : (क) इन छंदों की लय को किसी मापनी में बाँधना संभव नहीं है l इन छंदों की लय को निर्धारित करने के लिए कलों ( द्विकल 2 मात्रा, त्रिकल 3 मात्रा, चौकल 4 मात्रा) का प्रयोग किया जाता है –द्विकल = 2 या 11त्रिकल = 21 या 12 या 111चौकल … Read more

चौपई या जयकरी छंद कैसे लिखें

चौपई या जयकरी छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रयेक चरण में 15 मात्रा होती हैं, अंत में 21 या गाल अनिवार्य होता है, कुल चार चरण होते हैं, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :भोंपू लगा-लगा धनवान,फोड़ रहे जनता के कान lध्वनि-ताण्डव का अत्याचार,कैसा है यह धर्म-प्रचार l– ओम नीरव

चौपाई छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

चौपाई छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं , अंत में 21 या गाल वर्जित होता है , कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :बिनु पग चलै सुनै बिनु काना,कर बिनु करै करम विधि नाना lआनन रहित सकल रस भोगी,बिनु बानी … Read more