संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने 1994 को अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष घोषित किया था। समूचे संसार में लोगों के बीच परिवार की अहमियत बताने के लिए हर साल 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाने लगा है। 1995 से यह सिलसिला जारी है। परिवार की महत्ता समझाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

साथ रहे जब घर परिवार
जीवन भी मुश्किल से मिलता , मुश्किल जीवन का आधार ,
भरा पूरा सा लगता जग में , हंसी – खुशी हो जब परिवार ,
जीवन है संघर्षों का मेला , बदलते सबके सोंच विचार ,
जलन भावना ऐसी बढ़ती , टूट रहें है घर परिवार ,
सोंच बदल लें आओ हम सब , जीवन के बस दिन हैं चार ,
नही अकेला आगे बढ़ता , सोंचे हम सब बारम्बार ,
कड़ी बढ़ाएं मिलकर आओं , मूल्यों का दें सबको उपहार ,
सीखें अपने बच्चे मिलकर , भरा पूरा हो घर संसार ,
काम करें ना कोई ऐसा , सोंच समझकर करें विचार ,
बड़े बुर्जग हैं जो भी हमसे ,चाहें बस आदर – सत्कार ,
बदलें अपना सोंच हमारा , बदलें हम अपना व्यवहार ,
देख चुके हमसें भी ज्यादा ,जीवन जीया कई प्रकार ,
आशीर्वाद से हम सब फूलें ,बना रहे यह प्यार – दुलार ,
एक रहे तो फूल खिलेंगे , फिर आएगी नई बहार ,
फूलों की बगिया महकेगी , फूल खिलेंगे कई हजार ,
कहीं गलत न हम कर बैठे , टूटे न प्यारा – संसार ,
काम आते सब एक दूजे के , भरा पूरा हो जब परिवार ,
आओं मिल सब काम करें हम , बदलें अपना व्यवहार ,
कद करें हम एक दूजे की , अपनाएं अपनों को फिर इस- बार,
टूटे न फिर कभी किसी का , बदलें अपना सोंच विचार ,
बदल गया जो सोंच हमारा , सुधर जाएगा यह संसार ।
तोड़ सके न कोई हमको , साथ रहे जब घर परिवार ।
युवा कवि एवं साहित्यकार
शिव कुमार पटेल , ग्राम – तेलीपाली ,पोस्ट – लोहरसिंग ,जिला – रायगढ़( छ. ग.)
ईमेल- shivpateltelipali@gmail.com
तोड़ सके ना कोई हमको,साथ रहे जब घर परिवार
उम्दा लेखन🙏🏻
धन्यवाद